है कहाँ तमन्ना का दूसरा क़दम या रब By Sher << मुझ को ये होश ही न था तू ... सामने उम्र पड़ी है शब-ए-त... >> है कहाँ तमन्ना का दूसरा क़दम या रब हम ने दश्त-ए-इम्काँ को एक नक़्श-ए-पा पाया Share on: