है रिश्ता एक फिर ये कशाकश न चाहिए By Sher << जहाँ डाले थे उस ने धूप मे... चल चल के थक गया है कि मंज... >> है रिश्ता एक फिर ये कशाकश न चाहिए अच्छा नहीं है सुब्हा का ज़ुन्नार से बिगाड़ Share on: