जहाँ डाले थे उस ने धूप में कपड़े सुखाने को By Sher << हम हैं उस के ख़याल की तस्... है रिश्ता एक फिर ये कशाकश... >> जहाँ डाले थे उस ने धूप में कपड़े सुखाने को टपकती हैं अभी तक रस्सियाँ आहिस्ता आहिस्ता Share on: