है ये उम्मीद मिरे ख़्वाब में आप आएँगे By Sher << उस को पता नहीं है ख़िज़ाँ... बात ये है कि आदमी शाइर >> है ये उम्मीद मिरे ख़्वाब में आप आएँगे एक दर आँख का रखता हूँ खुला रात के वक़्त Share on: