हैराँ हूँ दिल को रोऊँ कि पीटूँ जिगर को मैं By Sher << राएगाँ वस्ल में भी वक़्त ... सो देख कर तिरे रुख़्सार ओ... >> हैराँ हूँ दिल को रोऊँ कि पीटूँ जिगर को मैं मक़्दूर हो तो साथ रखूँ नौहागर को मैं should i cry out for my heart or liver then lament if i had the money, on a mourner would have spent Share on: