हज़ार कारवाँ यूँ तो हैं मेरे साथ मगर By Sher << हर शख़्स को गुमान कि मंज़... शगुफ़्ता बाग़-ए-सुख़न है ... >> हज़ार कारवाँ यूँ तो हैं मेरे साथ मगर जो मेरे नाम है वो क़ाफ़िला कब आएगा Share on: