हर शख़्स को गुमान कि मंज़िल नहीं है दूर By Sher << इक तअल्लुक़ था जिसे आग लग... हज़ार कारवाँ यूँ तो हैं म... >> हर शख़्स को गुमान कि मंज़िल नहीं है दूर ये तो बताइए कि पिता किस के पास है Share on: