हज़ारों शेर मेरे सो गए काग़ज़ की क़ब्रों में By Sher << 'सैफ़' पी कर भी त... न रात बाक़ी है कोई न ख़्व... >> हज़ारों शेर मेरे सो गए काग़ज़ की क़ब्रों में अजब माँ हूँ कोई बच्चा मिरा ज़िंदा नहीं रहता Share on: