हम हसीन ग़ज़लों से पेट भर नहीं सकते By Sher << इन अश्कों का दिल से क्या ... हदीस-ए-दिल ब-ज़बान-ए-नज़र... >> हम हसीन ग़ज़लों से पेट भर नहीं सकते दौलत-ए-सुख़न ले कर बे-फ़राग़ हैं यारो Share on: