हम इश्क़ के बंदे हैं मज़हब से नहीं वाक़िफ़ By Sher << आज पैवंद की ज़रूरत है वो मेरे ख़्वाब ले के सिरह... >> हम इश्क़ के बंदे हैं मज़हब से नहीं वाक़िफ़ गर का'बा हुआ तो क्या बुत-ख़ाना हुआ तो क्या Share on: