हम जो शब को ना-गहाँ उस शोख़ के पाले पड़े By Sher << मैं ये भी चाहती हूँ तिरा ... ख़ूँ का सैलाब था जो सर से... >> हम जो शब को ना-गहाँ उस शोख़ के पाले पड़े दिल तो जाता ही रहा अब जान के लाले पड़े Share on: