हम कई रोज़ से बे-वजह बहुत ख़ुश हैं चलो By Sher << आ ऐ 'असर' मुलाज़ि... दफ़्तर से मिल नहीं रही छु... >> हम कई रोज़ से बे-वजह बहुत ख़ुश हैं चलो ज़िंदगी की ये अदाएँ भी तो देखी जाएँ Share on: