हम को बचपन ही से इक शौक़ था बर्बादी से By Sher << फ़िक्र की दुनिया में कोलम... ऐसा हुआ कि घर से न निकला ... >> हम को बचपन ही से इक शौक़ था बर्बादी से नाम लिख लिख के मिटाते थे ज़मीं पर अपना Share on: