हम को भरम ने बहर-ए-तवहहुम बना दिया By Sher << कभी मौज-ए-ख़्वाब में खो ग... जला वो शम्अ कि आँधी जिसे ... >> हम को भरम ने बहर-ए-तवहहुम बना दिया दरिया समझ के कूद पड़े हम सराब में Share on: