हम को उसी दयार की मिट्टी हुई अज़ीज़ By Sher << याद रखना भी इक इबादत है मेरी कम-गोई पे जो तंज़ कि... >> हम को उसी दयार की मिट्टी हुई अज़ीज़ नक़्शे में जिस का नाम-पता अब नहीं रहा Share on: