हम लब-ए-गोर हो गए ज़ालिम By Sher << बे-सबब बात बढ़ाने की ज़रू... हम इतने परेशाँ थे कि हाल-... >> हम लब-ए-गोर हो गए ज़ालिम तू लब-ए-बाम क्यूँ नहीं आता Share on: