हम लकीरें कुरेद कर देखें By Sher << फूल तो क्या ख़ार भी मंज़ू... फ़ितरत में आदमी की है मुब... >> हम लकीरें कुरेद कर देखें रंग लाएगा क्या ये साल नया Share on: