हम ने माँगा था सहारा तो मिली इस की सज़ा By Sher << आओ तजदीद-ए-वफ़ा फिर से कर... जम्हूरियत की लाश पे ताक़त... >> हम ने माँगा था सहारा तो मिली इस की सज़ा घटते बढ़ते रहे हम साया-ए-दीवार के साथ Share on: