जम्हूरियत की लाश पे ताक़त है ख़ंदा-ज़न By Sher << हम ने माँगा था सहारा तो म... अभी वो आँख भी सोई नहीं है >> जम्हूरियत की लाश पे ताक़त है ख़ंदा-ज़न इस बरहना निज़ाम में हर आदमी की ख़ैर Share on: