हम से अच्छा नहीं मिलने का अगर तुम चाहो By Sher << जो ग़ज़ल आज तिरे हिज्र मे... तुम मिरे पास होते हो गोया >> हम से अच्छा नहीं मिलने का अगर तुम चाहो तुम से अच्छे अभी मिलते हैं अगर हम चाहें Share on: