हमारे दम से है रौशन दयार-ए-फ़िक्र-ओ-सुख़न By Sher << बुलंदी के लिए बस अपनी ही ... मुझे अय्यारियाँ सब आ गई ह... >> हमारे दम से है रौशन दयार-ए-फ़िक्र-ओ-सुख़न हमारे बाद ये गलियाँ धुआँ धुआँ होंगी Share on: