हमारे दिल को इक आज़ार है ऐसा नहीं लगता By Sher << अगर न ज़ोहरा-जबीनों के दर... तकोगे राह सहारों की तुम म... >> हमारे दिल को इक आज़ार है ऐसा नहीं लगता कि हम दफ़्तर भी जाते हैं ग़ज़ल-ख़्वानी भी करते हैं Share on: