हमारी ज़िंदगी तो मुख़्तसर सी इक कहानी थी By Sher << अब घर के दरीचे में आएगी ह... आबाद बस्तियाँ थीं फ़सीलों... >> हमारी ज़िंदगी तो मुख़्तसर सी इक कहानी थी भला हो मौत का जिस ने बना रक्खा है अफ़्साना Share on: