हमारी तरह ख़राब-ए-सफ़र न हो कोई By Sher << आ दोस्त साथ आ दर-ए-माज़ी ... न आए तुम न आओ तुम कि अब आ... >> हमारी तरह ख़राब-ए-सफ़र न हो कोई इलाही यूँ तो किसी का न राहबर गुम हो Share on: