हमें हर आने वाला ज़ख़्म-ए-ताज़ा दे के जाता है By Sher << तमाम उम्र गुज़र जाती है क... बदन के शहर में आबाद इक दर... >> हमें हर आने वाला ज़ख़्म-ए-ताज़ा दे के जाता है हमारे चाँद सूरज और सितारे एक जैसे हैं Share on: