हमें पसंद नहीं जंग में भी मक्कारी By Sher << खेल ज़िंदगी के तुम खेलते ... दिल में जो मोहब्बत की रौश... >> हमें पसंद नहीं जंग में भी मक्कारी जिसे निशाने पे रक्खें बता के रखते हैं Share on: