हमें तन्हाइयों में यूँ तो क्या क्या याद आता है By Sher << हिन्दू से पूछिए न मुसलमाँ... ग़म-ए-हबीब नहीं कुछ ग़म-ए... >> हमें तन्हाइयों में यूँ तो क्या क्या याद आता है मगर सच पूछिए तो एक चेहरा याद आता है Share on: