हमेशा दूर के जल्वे फ़रेब देते हैं By Sher << ये चार दिन के तमाशे हैं आ... ऐ नसीम-ए-सहरी बू-ए-मोहब्ब... >> हमेशा दूर के जल्वे फ़रेब देते हैं है वर्ना चाँद बयाबाँ किसी को क्या मालूम Share on: