हमेशा के लिए मुझ से बिछड़ जा By जुदाई, Sher << कभी दिल की कली खिली ही नह... दम-ए-ख़्वाब-ए-राहत बुलाया... >> हमेशा के लिए मुझ से बिछड़ जा ये मंज़र बार-हा देखा न जाए Share on: