कभी दिल की कली खिली ही नहीं By Sher << रश्क से नाम नहीं लेते कि ... हमेशा के लिए मुझ से बिछड़... >> कभी दिल की कली खिली ही नहीं ए'तिबार-ए-बहार कौन करे Share on: