किसी के जौर-ए-मुसलसल का फ़ैज़ है 'अख़्गर' By Sher << कोई साग़र पे साग़र पी रहा... ख़ल्वत-ए-जाँ में तिरा दर्... >> किसी के जौर-ए-मुसलसल का फ़ैज़ है 'अख़्गर' वगरना दर्द हमारे सुख़न में कितना था Share on: