ख़ल्वत-ए-जाँ में तिरा दर्द बसाना चाहे By Sher << किसी के जौर-ए-मुसलसल का फ... काफ़िर सही हज़ार मगर इस क... >> ख़ल्वत-ए-जाँ में तिरा दर्द बसाना चाहे दिल समुंदर में भी दीवार उठाना चाहे Share on: