हर एक शाख़ के हाथों में फूल महकेंगे By Sher << मौजूदगी-ए-जन्नत-ओ-दोज़ख़ ... किसे फ़ुर्सत कि फ़र्ज़-ए-... >> हर एक शाख़ के हाथों में फूल महकेंगे ख़िज़ाँ का पेड़ भी कपड़े बदलना चाहता है Share on: