मौजूदगी-ए-जन्नत-ओ-दोज़ख़ से है अयाँ By Sher << ऐ मिरे मूनिस ओ ग़म-ख़्वार... हर एक शाख़ के हाथों में फ... >> मौजूदगी-ए-जन्नत-ओ-दोज़ख़ से है अयाँ रहमत है एक बहर मगर बे-कराँ नहीं Share on: