हर ज़र्रा है जमाल की दुनिया लिए हुए By Sher << तोड़ कर निकले क़फ़स तो गु... ग़म की तकमील का सामान हुआ... >> हर ज़र्रा है जमाल की दुनिया लिए हुए इंसाँ अगर हो दीदा-ए-बीना लिए हुए Share on: