हर क़दम इस मुतबादिल से भरी दुनिया में By Sher << 'ख़ालिद' मैं बात ... कहिए आईना-ए-सद-फ़स्ल-ए-बह... >> हर क़दम इस मुतबादिल से भरी दुनिया में रास आए तो बस इक तेरी कमी आए हमें Share on: