हर लहज़ा उस के पाँव की आहट पे कान रख By Sher << अन-कही कह अन-सुनी बातें स... फ़ज़ा में तैरते रहते हैं ... >> हर लहज़ा उस के पाँव की आहट पे कान रख दरवाज़े तक जो आया है अंदर भी आएगा Share on: