हर लम्हा मेरे ध्यान में रहता था एक शख़्स By Sher << उजलत में आसमान से आगे निक... काफ़ी है बहुत वुसअ'त-... >> हर लम्हा मेरे ध्यान में रहता था एक शख़्स फिर यूँ हुआ वो ध्यान से आगे निकल गया Share on: