हर मुत्तक़ी को इस से सबक़ लेना चाहिए By Sher << ये क्या कि रोज़ उभरते हो ... जिस रोज़ किसी और पे बेदाद... >> हर मुत्तक़ी को इस से सबक़ लेना चाहिए जन्नत की चाह ने जिसे शद्दाद कर दिया Share on: