हर सहारा बे-अमल के वास्ते बे-कार है By Sher << क्या जाने क्या सबब है कि ... हाए वो नग़्मा जिस का मुग़... >> हर सहारा बे-अमल के वास्ते बे-कार है आँख ही खोले न जब कोई उजाला क्या करे Share on: