क्या जाने क्या सबब है कि जी चाहता है आज By Sher << मय-ख़ाने की सम्त न देखो हर सहारा बे-अमल के वास्ते... >> क्या जाने क्या सबब है कि जी चाहता है आज रोते ही जाएँ सामने तुम को बिठा के हम Share on: