हर समुंदर का एक साहिल है By Sher << ज़र्द पत्ते में कोई नुक़्... तू आग में ऐ औरत ज़िंदा भी... >> हर समुंदर का एक साहिल है हिज्र की रात का किनारा नहीं Share on: