हर शय मुसाफ़िर हर चीज़ राही By Sher << सहल हो गरचे अदू को मगर उस... इक और दरिया का सामना था &... >> हर शय मुसाफ़िर हर चीज़ राही क्या चाँद तारे क्या मुर्ग़ ओ माही Share on: