इक और दरिया का सामना था 'मुनीर' मुझ को By Sher << हर शय मुसाफ़िर हर चीज़ रा... खोला दरवाज़ा समझ कर मुझ क... >> इक और दरिया का सामना था 'मुनीर' मुझ को मैं एक दरिया के पार उतरा तो मैं ने देखा Share on: