हर तरफ़ अपने ही अपने हाए तन्हाई न पूछ By एहसास, तन्हाई, Sher << इसे शाइ'री न जानो ये ... एहसान-ए-रब मोहब्बतें इतनी... >> हर तरफ़ अपने ही अपने हाए तन्हाई न पूछ किस क़दर खलती है अक्सर हम को बीनाई न पूछ Share on: