हर तरफ़ तू नज़र आता है जिधर जाता हूँ By Sher << हिज्र को बीच में नहीं छोड... हाँ ज़माने की नहीं अपनी त... >> हर तरफ़ तू नज़र आता है जिधर जाता हूँ तेरे इम्कान से हिजरत नहीं कर सकता मैं Share on: