हरीफ़-ए-तेग़-ए-सितम-गर तो कर दिया है तुझे By Sher << अहबाब मुझ से क़त-ए-तअल्लु... ये माना वो शजर सूखा बहुत ... >> हरीफ़-ए-तेग़-ए-सितम-गर तो कर दिया है तुझे अब और मुझ से तू क्या चाहता है सर मेरे Share on: