हशमत-ए-दुनिया की कुछ दिल में हवस बाक़ी नहीं By Sher << हाथ मलते हुए आज आते हैं स... हम-नशीं उस को जो लाना है ... >> हशमत-ए-दुनिया की कुछ दिल में हवस बाक़ी नहीं इश्क़ की दौलत से हैं ऐसे ही आली-जाह हम Share on: