हश्र को मानता हूँ बे-देखे By Sher << चटकी जो कली कोयल कूकी उल्... सताती है तुम्हारी याद जब ... >> हश्र को मानता हूँ बे-देखे हाए हंगामा उस की महफ़िल का Share on: