हस्ती है जुदाई से उस की जब वस्ल हुआ तो कुछ भी नहीं By Sher << समंद-ए-ख़्वाब वहाँ छोड़ क... आप में गुम हैं मगर सब कि ... >> हस्ती है जुदाई से उस की जब वस्ल हुआ तो कुछ भी नहीं दरिया में न था तो क़तरा था दरिया में मिला तो कुछ भी नहीं Share on: